काश कि मैने सोचा होता
कि यह कश्ती मुझे कहाँ ले जाएगी
क्योंकि आज जहाँ इसने मुझे पहुँचा दिया है
वहाँ से ना आगे का रास्ता दिखाई देता है
और ना ही पीछे का रास्ता मुझे आवाज़ लगा रहा है
इस नदी के बीचों बीच नाव कि दिशा तय नहीं हो पा रही
क्योंकि लहरों ने जकड़ रखा है
इस नदी से बहुत दूर जाना चाहती हूँ
पर यह मझधार मुझे फाँसे हुए है
शायद अब मंज़िल का मिलना पहले से भी मुश्किल है
शायद आँधी तूफ़ान थमने का इंतज़ार करना होगा
- दिशा
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